Government Subsidies aur Schemes for Organic Farmers

आज के समय में जैविक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई प्रकार की Government subsidies aur schemes for organic farmers चला रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करना और उनकी आर्थिक सहायता करना है। इस लेख में हम भारत सरकार द्वारा संचालित प्रमुख योजनाओं और अनुदानों (Subsidies) की जानकारी देंगे, जिससे जैविक किसानों को अधिक लाभ प्राप्त हो सके।


Table of Contents

भारत में जैविक खेती के लिए सरकारी योजनाएँ और अनुदान

1. राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (National Mission for Organic Farming – NMOF)

भारत में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएँ और मिशन शुरू किए हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण योजना राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (National Mission for Organic Farming – NMOF) है। यह मिशन जैविक खेती को बढ़ावा देने, किसानों को सहायता प्रदान करने और कृषि क्षेत्र को अधिक टिकाऊ और लाभदायक बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NMOF) क्या है?

राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NMOF) भारत सरकार द्वारा संचालित एक केंद्रीय योजना है, जिसे 2004-05 में शुरू किया गया था। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य जैविक खेती को अपनाने वाले किसानों को प्रशिक्षण, सब्सिडी, अनुसंधान और विपणन सुविधाएं प्रदान करना है।

यह मिशन मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने, पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने पर केंद्रित है। साथ ही, यह किसानों को जैविक खाद, वर्मीकंपोस्ट, जैविक कीटनाशकों और हरी खादों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करता है।

राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NMOF) के मुख्य उद्देश्य

NMOF मिशन के अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं:

  1. जैविक खेती का प्रचार-प्रसार – किसानों को जैविक खेती की तकनीकों और उनके लाभों के बारे में जागरूक करना।
  2. जैविक इनपुट उत्पादन को बढ़ावा देना – जैविक खाद, वर्मीकंपोस्ट, जैविक कीटनाशकों और अन्य जैविक उत्पादों के निर्माण को समर्थन देना।
  3. किसानों को वित्तीय सहायता – जैविक खेती अपनाने वाले किसानों को सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  4. प्रशिक्षण एवं अनुसंधान – किसानों और कृषि वैज्ञानिकों को जैविक खेती से संबंधित नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण देना और नए शोध को प्रोत्साहित करना।
  5. जैविक उत्पादों की मार्केटिंग – जैविक उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन को बढ़ावा देकर किसानों को अधिक मुनाफा दिलाना।
  6. पर्यावरण संरक्षण – जैविक खेती को बढ़ावा देकर मिट्टी की उर्वरता और जल संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।

राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NMOF) के तहत दी जाने वाली सहायता

इस मिशन के अंतर्गत किसानों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान की जाती है:

1. वित्तीय सहायता और सब्सिडी

  • जैविक खेती को अपनाने के लिए किसानों को 50% तक की सब्सिडी दी जाती है।
  • जैविक खाद उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता
  • वर्मीकंपोस्ट उत्पादन इकाइयों के लिए 50% अनुदान

2. प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम

  • किसानों को जैविक खेती की आधुनिक तकनीकों और लाभों के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है।
  • कृषि वैज्ञानिकों और जैविक खेती विशेषज्ञों द्वारा नियमित सेमिनार और वर्कशॉप का आयोजन।

3. जैविक उत्पाद प्रमाणन

  • किसानों को उनके उत्पादों का जैविक प्रमाणपत्र (Organic Certification) दिलाने में सहायता प्रदान की जाती है।
  • इससे किसानों को अपने उत्पादों का अधिक मूल्य मिल पाता है।

4. जैविक खेती के लिए आवश्यक संसाधन

  • वर्मीकंपोस्ट, जैविक खाद, हरी खाद और जैविक कीटनाशकों के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देना।
  • जैविक खेती से जुड़े संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।

राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NMOF) का प्रभाव

NMOF के लागू होने के बाद भारत में जैविक खेती का क्षेत्रफल और उत्पादन दोनों बढ़े हैं। इसके कुछ मुख्य प्रभाव इस प्रकार हैं:

जैविक खेती का दायरा बढ़ा – कई किसान अब जैविक खेती को अपना रहे हैं, जिससे भारत में जैविक कृषि का क्षेत्र बढ़ रहा है।
पर्यावरणीय सुधार – जैविक खेती से मिट्टी की गुणवत्ता, जल स्रोतों की शुद्धता और जैव विविधता में सुधार हुआ है।
किसानों की आय में वृद्धि – जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण किसानों को उनके उत्पादों का अधिक मूल्य मिल रहा है।
स्वस्थ जीवनशैली – जैविक उत्पादों का उपभोग करने से लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो रहा है।

राष्ट्रीय जैविक खेती मिशन (NMOF) से जुड़ने की प्रक्रिया

यदि आप भी इस मिशन का लाभ उठाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:

  1. अपने नजदीकी कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संपर्क करें।
  2. सरकारी पोर्टल (https://agricoop.nic.in/) पर जाकर जैविक खेती से संबंधित योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें।
  3. ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन भरें और आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
  4. प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रक्रिया पूरी करें।
  5. सब्सिडी और वित्तीय सहायता के लिए आवेदन करें।

यह योजना जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए 2004-05 में शुरू की गई थी।

लाभ:

  • जैविक खाद (Compost) और जैविक उर्वरकों के उत्पादन में सहायता।
  • प्रशिक्षण और क्षमता विकास के लिए वित्तीय सहायता।
  • जैविक उत्पादों की प्रमाणीकरण (Certification) में मदद।

2. परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana – PKVY)

यह योजना जैविक खेती को पारंपरिक पद्धतियों के माध्यम से प्रोत्साहित करने के लिए 2015 में शुरू की गई थी।

लाभ:

  • किसानों को 10,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता।
  • जैविक उत्पादों की मार्केटिंग में सहायता।
  • क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा।

3. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme)

इस योजना के तहत किसानों को उनकी मिट्टी की गुणवत्ता की जानकारी दी जाती है ताकि वे जैविक खेती को बेहतर तरीके से कर सकें।

लाभ:

  • मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में मदद।
  • किसानों को उर्वरकों का सही मात्रा में उपयोग करने की जानकारी।
  • जैविक खेती को अधिक प्रभावी बनाने में सहायता।

4. राज्य जैविक कृषि मिशन (State Organic Farming Mission)

कुछ राज्यों ने अपनी जैविक खेती की योजनाएँ चलाई हैं।

उदाहरण:

  • उत्तराखंड: यह भारत का पहला जैविक राज्य बना है।
  • सिक्किम: पूर्ण रूप से जैविक राज्य घोषित।
  • मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और राजस्थान में भी जैविक खेती के लिए योजनाएँ चलाई जा रही हैं।

5. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (Rashtriya Krishi Vikas Yojana – RKVY)

यह योजना किसानों को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहन देती है।

लाभ:

  • कृषि उपकरणों की खरीद पर 50% तक की सब्सिडी।
  • जैविक उत्पादों के भंडारण और परिवहन में सहायता।
  • जैविक बाजारों और स्टोर्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता।

6. कृषि अवसंरचना कोष (Agriculture Infrastructure Fund – AIF)

किसानों को लोन पर 3% ब्याज की छूट और 2 करोड़ तक की सहायता।

लाभ:

  • जैविक उत्पादों के स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए वित्तीय सहायता।
  • छोटे और मध्यम किसानों के लिए बुनियादी ढाँचे को मजबूत करना।

जैविक किसानों के लिए अनुदान (Subsidies for Organic Farmers)

1. जैविक खाद और कंपोस्टिंग पर सब्सिडी

  • National Fertilizer Subsidy Program के तहत जैविक खाद (Vermicompost) पर 25-50% की सब्सिडी
  • कम्पोस्ट इकाइयाँ स्थापित करने के लिए किसानों को अनुदान।

2. जैविक बीजों की खरीद पर सब्सिडी

  • प्रमाणित जैविक बीजों की खरीद पर 50% तक की सब्सिडी
  • बीज उत्पादन इकाइयों को 25-50% की आर्थिक सहायता।

3. जैविक उत्पादों की मार्केटिंग में सहायता

  • Organic Market Development Scheme के तहत किसानों को मार्केटिंग में सहायता।
  • जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण और निर्यात के लिए वित्तीय सहयोग।

जैविक किसानों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ कैसे उठाएँ?

1. ऑनलाइन आवेदन करें

  • किसान आधिकारिक सरकारी पोर्टल जैसे https://www.nabard.org/ या https://pmkisan.gov.in/ पर आवेदन कर सकते हैं।
  • योजनाओं के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, भूमि के कागजात और बैंक डिटेल्स अपलोड करें।

2. स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क करें

  • अपने जिले के कृषि अधिकारी से संपर्क करके योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें।
  • जैविक खेती के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लें।

3. जैविक प्रमाणन (Organic Certification) प्राप्त करें

  • PGS India (Participatory Guarantee System) या NPOP (National Program for Organic Production) के तहत प्रमाणपत्र प्राप्त करें।
  • जैविक प्रमाणन होने से जैविक उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य मिलता है।

निष्कर्ष

Government subsidies aur schemes for organic farmers का उद्देश्य किसानों को जैविक खेती अपनाने में मदद करना और उनके वित्तीय बोझ को कम करना है। इन योजनाओं का लाभ उठाकर किसान अपने जैविक उत्पादों को बेहतर कीमतों पर बेच सकते हैं और अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। यदि आप भी जैविक खेती को अपनाना चाहते हैं, तो इन सरकारी योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठाएँ और अपने कृषि व्यवसाय को सफल बनाएँ।

Leave a Comment